कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
कल्याणकारी शिवयोग में मनेगा महाशिवरात्रि का पावन पर्व, जानिए खास बातें
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
श्री शिव जी परम दयालु हैं। वह अपने more info भक्तों पर अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। श्री शिव जी अपने ऐसे ही सरलता के कारण जनमानस में सबके प्रिय देवता हैं। आज यहां पर हम श्री शिव जी के सबसे लोकप्रिय भजनों का लिरिक्स जानेंगे।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे ।
सजा दो घर को गुलशन सा मेरे भोलेनाथ आये हैं - श्री…